Sunday, July 5, 2020

क़्या यहीं इश्क़ हैं :- 2

यें ग़ुलाब यें ग़ुलशन ,
यें आशमां यें धऱती एहसास तुम्हारा करवातें है,
ये क़ुदरत ये सीत लहर,
यें दिमाग़ यें दिल ,याद तुम्हारी दिलातीं है,
क़्या यहीं इश्क़ हैं ।